एनईसैक ने 27-28 मार्च, 2023 के दौरान NESAC आउटरीच सुविधा में विभिन्न राज्य आपदा प्रबंधन विभागों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा नामित अधिकारियों के लिए “आपदा जोखिम प्रबंधन में भौगोलिक सूचना प्रणाली के अनुप्रयोग” पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में असम, झारखंड, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा के कुल नौ प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस पी अग्रवाल, निदेशक एनईसैक ने किया, जहां उन्होंने एनईआर और देश के अन्य हिस्सों में आपदा प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व और विभिन्न आपदाओं जैसे बाढ़, दावानल, भूस्खलन, भूकंप, बिजली और तड़ित झंझा आदि के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों के साथ बातचीत की। पाठ्यक्रम में शामिल विषयों में भू-स्थानिक उपकरणों और तकनीकों का अवलोकन, और विभिन्न आपदा डोमेन में उनके अनुप्रयोग, यूएवी प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और आपदाओं के दौरान आपातकालीन उपग्रह संचार और आपदा प्रबंधन के लिए एनईसैक द्वारा विकसित विभिन्न डैशबोर्ड/वेब-पोर्टल का प्रदर्शन शामिल था। 28 मार्च, 2023 को एक समापन सत्र का आयोजन किया गया। समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों द्वारा बहुमूल्य फीडबैक और सुझाव साझा किए गए। श्री अभिषेक शर्मा, वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी और श्री अखिलेश यादव, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटिव, एनडीएमए से जीआईएस ने समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित किया। एनईआर-डीआरआर के उप परियोजना निदेशक और आरएसएजी के समूह प्रमुख डॉ केके सरमा ने पाठ्यक्रम के सफल समापन पर सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र वितरित किया। उन्होंने पाठ्यक्रम के सफल संचालन के लिए पाठ्यक्रम निदेशक, पाठ्यक्रम अधिकारी और अन्य अनुसंधान वैज्ञानिकों डॉ. रेखा भराली गोगोई के प्रयासों की भी सराहना की। प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम अधिकारी डॉ ध्रुवल भावसार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
एनईसैक ने आपदा जोखिम प्रबंधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया है
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