एनईसैक ने 22 जनवरी से 2 फरवरी, 2024 के दौरान ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर और पायथन प्रोग्रामिंग का उपयोग करके ‘रिमोट सेंसिंग और जीआईएस के बुनियादी अवसंरचना’ पर दो सप्ताह का एनएनआरएमएस प्रायोजित पाठ्यक्रम आयोजित किया।इस व्यापक पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को रिमोट सेंसिंग और जीआईएस के क्षेत्र में गहन अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक कौशल से समर्थ बनाना है।पाठ्यक्रम को सावधानीपूर्वक 10 मॉड्यूल में डिज़ाइन किया गया था, जो भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं से निपटता था, जिससे प्रतिभागियों के बीच समग्र समझ को बढ़ावा मिलता था।कवर किए गए मॉड्यूल में रिमोट सेंसिंग की अवधारणाओं का परिचय, जीआईएस की अवधारणाओं का परिचय, रैस्टर और वेक्टर भू-स्थानिक विश्लेषण, इमेज प्रोसेसिंग, उन्नत भू-स्थानिक विश्लेषण, मल्टीस्पेक्ट्रल रिमोट सेंसिंग की सीमाओं से परे, उत्सर्जन और प्रकीर्णन आधारित रिमोट सेंसिंग, डेटा प्रसार, फील्ड वर्क और निर्देशित परियोजनाएँ शामिल हैं। इस परियोजना में गूगल अर्थइंजन के पायथन एपीआई का उपयोग करके मशीन लर्निंग लाइब्रेरी का कार्यान्वयन शामिल था।व्यापक पाठ्यक्रम मॉड्यूल के अलावा, एनईसैक ने प्रख्यात वैज्ञानिकों जैसे-प्रोफेसर वाईएस राव, आईआईटी बॉम्बे और श्री प्रसून कुमार गुप्ता, आईआईआरएस देहरादून द्वारा प्रतिभागियों को बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करने हेतु अतिथि व्याख्यान आयोजित किया।
एनईसैक ने रिमोट सेंसिंग और जीआईएस के बुनियादी सिद्धांतों पर एनएनआरएमएस प्रायोजितपाठ्यक्रम आयोजित किया है
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