भारत सरकार ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की याद में 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” घोषित किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत के सभी राज्यों में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है। इस उत्सव के हिस्से के रूप में, इसरो, उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एनईसैक) और अरुणाचल प्रदेश अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एपीएसएसी) ने संयुक्त रूप से 25 जुलाई 2024 को दोरजी खांडू राज्य सम्मेलन केंद्र, ईटानगर में “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024” का आयोजन किया।
कार्यक्रम में सुश्री सुमेधा यादव, सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), अरुणाचल प्रदेश सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं और इसमें ईटानगर राजधानी क्षेत्र के 16 स्कूलों के लगभग 180 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
स्वागत भाषण देते हुए डॉ. एच. दत्ता, निदेशक, एपीएसएसी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला और साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढ़ी को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कैसे प्रेरित और शिक्षित किया जा सकता है। एनईसैक से अरुणाचल प्रदेश के राज्य समन्वयक डॉ. चंदन गोस्वामी ने कार्यक्रम की उत्पत्ति के बारे में जानकारी दी।
सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) ने प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस आयोजित करने में इसरो द्वारा की गई पहल की सराहना की तथा छात्रों से सक्रिय भागीदारी करने तथा इसरो वैज्ञानिकों के साथ पारस्परिक विचार -विमर्श करने का आग्रह किया।
श्री भरत कुमार जीवीपी, प्रमुख, मिशन सिमुलेशन ग्रुप (एमएसजी), यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी), इसरो, बैंगलुरु ने “चंद्रमा मिशनों पर विशेष जोर देने के साथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम” पर एक लोकप्रिय व्याख्यान दिया। इसके अलावा, डॉ. के.के शर्मा, समूह प्रमुख, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन ग्रुप (आरएसएजी), एनईसैक ने भी “सामाजिक लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग” पर एक व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के दौरान इसरो के अंतरिक्ष मिशनों पर ऑडियो विजुअल शो के साथ-साथ अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रदर्शनी भी दिखाई गई। इसके बाद स्कूलों के छात्रों के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को समापन सत्र के दौरान पुरस्कृत किया गया।