एनईसैक ने 24 फरवरी से 7 मार्च 2025 तक एनईसैक आउटरीच सुविधा में ‘जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों’ पर दो सप्ताह का बुनियादी पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस पाठ्यक्रम में भारत के विभिन्न भागों से विभिन्न शैक्षणिक योग्यता वाले कुल 09 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
पाठ्यक्रम की शुरुआत जलवायु परिवर्तन अध्ययनों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों पर एनईसैक के निदेशक डॉ. एस. पी. अग्रवाल के व्याख्यान से हुई। पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय जलवायु मॉडलिंग, उपग्रह वर्षा पुनर्प्राप्ति, पैलियोक्लाइमेटोलॉजी, क्रायोस्फेरिक अध्ययन, जलवायु परिवर्तन के लिए डेटा विश्लेषण तकनीक आदि पर व्याख्यान शामिल थे। पाठ्यक्रम में उपग्रह और जलवायु डेटा के पायथन आधारित डेटा विश्लेषण के लिए व्यापक व्यावहारिक सत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
7 मार्च 2025 को गुवाहाटी विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. बिकाश गोगोई की अध्यक्षता में एक समापन कार्यक्रम के साथ पाठ्यक्रम का समापन हुआ। पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. अरूप बोरगोहाई ने पाठ्यक्रम के परिणामों का सारांश प्रस्तुत किया, जिसके बाद प्रतिभागियों से फीडबैक प्राप्त किया गया। पाठ्यक्रम अधिकारी डॉ. अनिकेत चक्रवर्ती द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।