28 फरवरी 2025 को एनईसैक के आउटरीच भवन में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, जो प्रख्यात भौतिक वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की उल्लेखनीय खोज की याद दिलाता है। इस वर्ष का उत्सव प्रेरक विषय – “विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना” के इर्द-गिर्द घूमता रहा। उद्घाटन सत्र की शुरुआत डॉ. डी. चुटिया, सचिव, ISRS शिलांग चैप्टर के स्वागत भाषण से हुई। डॉ. डी. सिन्हा रॉय, प्रोफेसर और डीन, एनआईटी मेघालय ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके समाज को सशक्त बनाना’ विषय पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया, जिसमें सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने में एआई की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली छात्रों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी जिज्ञासा को जगाया गया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एस.पी. अग्रवाल, अध्यक्ष, ISRS और निदेशक, एनईसैक उपस्थित थे। अपने संबोधन में डॉ. अग्रवाल ने युवा मन में वैज्ञानिक स्वभाव, नवाचार और जिज्ञासा को बढ़ाने में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम में डॉ. बी.के. हैंडिक, सचिव, ISG शिलांग चैप्टर और डॉ. एस.के. कुंडू, सचिव, IMS शिलांग चैप्टर ने भी अपने-अपने समाज के योगदान और सहयोगी वैज्ञानिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का आयोजन इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग (ISRS), शिलांग चैप्टर द्वारा इंडियन सोसाइटी ऑफ जियोमैटिक्स (ISG) और इंडियन सोसाइटी ऑफ मेटेरोलॉजी (IMS) के चैप्टर के सहयोग से किया गया था।