21 मई, 2025 को एनईसैक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) मेघालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर एनईसैक के निदेशक डॉ. एसपी अग्रवाल और NIT मेघालय के निदेशक प्रो. पिनाकेश्वर महंत भी उपस्थित थे। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में प्रो. दीप्तेंदु सिन्हा रॉय, डीन, अनुसंधान एवं परामर्श संकाय, प्रो. देबा कुमार शर्मा, डीन, नियोजन एवं विकास संकाय, प्रो. अनूप दंडपत, डीन, शैक्षणिक मामला, प्रो. सैकत मुखर्जी , डीन, कल्याण संकाय, प्रो. हरीश चंद्र दास, डीन, जनसंपर्क ब्रांडिंग एवं रैंकिंग संकाय, डॉ. बी.के हैंडिक, प्रमुख, पीपीईजी और श्री चिराग गुप्ता, वरिष्ठ वैज्ञानिक, एनईसैक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान, निदेशक, एनआईटी, मेघालय ने उपस्थित सभी प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया, जिससे एक आशाजनक सहयोग की शुरुआत हुई। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह साझेदारी इन दोनों प्रमुख संस्थानों के आपसी विकास और उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। निदेशक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह सहयोग विभिन्न शैक्षणिक योजनाओं, विशेष रूप से बी.टेक परियोजनाओं, एम.टेक विद्वानों के संयुक्त मार्गदर्शन, संयुक्त पीएचडी मार्गदर्शन कार्यक्रमों और एनईसैक के वैज्ञानिकों के लिए एनआईटी मेघालय में अंशकालिक पीएचडी कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा। निदेशक ने छात्रों और संकायों के लिए अल्पकालिक यात्राओं की सुविधा के महत्व पर भी ज़ोर दिया, जिससे ज्ञान के आदान-प्रदान में योगदान मिलेगा और संस्थानों के बीच घनिष्ठ संबंध बढ़ेंगे।
एनईसैक के निदेशक ने एनआईटी-मेघालय के निदेशक और पूरी टीम की एनईसैक के साथ अकादमिक और शोध सहयोग में उनकी गहरी रुचि और पहल के लिए हार्दिक सराहना की। उन्होंने एनआईटी-एम के संकायों को रिस्पॉन्ड कार्यक्रम के तहत शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एनआईटी-अगरतला में स्थापित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन सेल (एसटीआईसी) का उदाहरण दिया और सुझाव दिया कि एनआईटी मेघालय द्वारा भी इसी तरह की पहल की जा सकती है।
कार्यक्रम का समापन एनईसैक प्रतिनिधियों द्वारा एनआईटी मेघालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं और सुविधाओं के दौरे के साथ हुआ।