6 अगस्त, 2024 को, मिजोरम सुदूर संवेदन अनुप्रयोग केंद्र (एमआईआरएसएसी) और एनईसैक ने संयुक्त रूप से असेंबली हाउस एनेक्सी, आइजोल, मिजोरम के कॉन्फ्रेंस हॉल में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. वनलालथलाना, माननीय मंत्री, स्कूल शिक्षा, मिज़ोराम सरकार की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मिजोरम के विभिन्न जिलों के स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक छात्रों और शिक्षकों इस कार्यक्रम में शामिल हुए और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम तथा प्रदर्शनियों में उत्सुकता से भाग लिया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार 25 प्रतियोगी स्कूलों में से तीन विजेता स्कूलों के दो-दो छात्रों को प्रदान किए गए। प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण किट में एनएसपीडी/इसरो से संबंधित सामान जैसे टोपी, पेन, नोट पैड और इसरो चंद्रयान एवं प्रक्षेपण यान के ब्रोशर सभी को वितरित किए गए।
श्री सेंथिलकुमार जी, इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने “चंद्रमा मिशन पर विशेष जोर देने के साथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम” पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। अभियंता एच. लालसामलियाना, मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी, डीएसटी और सदस्य सचिव, एमआईआरएसएसी ने “सामाजिक लाभ के लिए अंतरिक्ष अनुप्रयोग” पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया, जबकि डॉ. रेखा बी. गोगोई, वैज्ञानिक, एनईसैक ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में एनईसैक द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोहों का अवलोकन प्रस्तुत किया। श्री रोसली बॉय लिंगदोह, वैज्ञा./अभि. ‘एसडी’, एनईसैक ने भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की उत्पत्ति और विकास पर चर्चा की। डॉ. पेबम रॉकी, वैज्ञा./अभि. ‘एसडी’ ‘एसएफ’ ने एनईसैक की ओर से कार्यक्रम का समन्वय किया।
वैज्ञानिकों के साथ छात्रों की बातचीत बहुत ही उत्साहपूर्ण रही, जिसमें चंद्रमा मिशन और क्रायोजेनिक इंजन से लेकर मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन तक के सवाल पूछे गए। कार्यक्रम का समापन श्री पी हेमिंगथनपुई, प्रधान वैज्ञानिक, एमआईआरएसएसी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।