एनईसैक ने 19-30 अगस्त, 2024 के दौरान “कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस के अनुप्रयोग” पर दो सप्ताह के लघु पाठ्यक्रम के पांचवें संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया। पाठ्यक्रम में 28 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें राज्य कृषि, बागवानी और मत्स्य विभागों के अधिकारी, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्य, वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ, अनुसंधान विद्वान और निजी स्टार्टअप शामिल थे।
पाठ्यक्रम की शुरुआत 9 अगस्त, 2024 को उद्घाटन सत्र के साथ हुई। डॉ. बी.के. हैंडिक, प्रमुख, कृषि एवं मृदा प्रभाग (ASD) और पाठ्यक्रम निदेशक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और पाठ्यक्रम कार्यक्रम का अवलोकन प्रदान किया। डॉ. एस.पी. अग्रवाल, निदेशक, एनईसैक ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर जोर दिया। डॉ. ए.के. मोहंती, निदेशक, एटीएआरआई, जोन VII, उमियम ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान प्रतिभागियों ने 15 घंटे सैद्धांतिक कक्षाओं और 25 घंटे व्यावहारिक सत्रों तथा 16 घंटे परियोजना कार्य में भाग लिया। डॉ. राहुल निगम, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सैक अहमदाबाद के द्वारा 27 अगस्त 2024 को “सैटेलाइट एग्रोमेटोरोलॉजी एंड एप्लीकेशन” पर एक आमंत्रित व्याख्यान दिया गया। पाठ्यक्रम के भाग के रूप में इस्ट्रैक सुविधा, यूएवी प्रयोगशाला और डॉपलर मौसम रडार स्टेशन, सोहरा का दौरा किया गया। प्रतिभागियों को सात समूहों में विभाजित किया गया था, जिनमें से प्रत्येक को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के प्रमुख अनुप्रयोग क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक अलग मिनी-परियोजना सौंपी गई थी।
पाठ्यक्रम का समापन 30 अगस्त, 2024 को समापन समारोह के साथ हुआ, जिसमें डॉ. एस.पी. अग्रवाल, निदेशक, एनईसैक ने मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की और प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम पूरा होने के प्रमाण पत्र वितरित किए। डॉ. प्रदेश जेना, पाठ्यक्रम अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।